महाशिवरात्रि मनाने के कुछ ऐसे कारण-| Mahashivratri 2023
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तो दोस्तों मै आपलोगो को आज इस ब्लॉग पोस्ट के अंदर बताऊंगा की महाशिवरात्रि आखिर क्यों मनाया जाता है? महाशिवरात्रि के दिन क्या क्या नही करना चाहिए? शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है? दो महाशिवरात्रि क्यों? भगवान शिव की 5 पुत्री का नाम क्या है? शिव भगवान का पिता कौन है? भगवान शिव की उम्र कितनी है? महाशिवरात्रि मनाने की शुरुआत कब हुआ? happy mahashivratri और कुछ जरूरी बाते जो आपको जानना काभी जरूरी है.
दोस्तों में एक बात आपको पहले बता दु की इस लेख को शुरू करने से पहले कि मैंने यह लेख लिखने से पहले जो मेरे पास जानकारी था उसके बाद भी मैंने Research किया और कुछ कुछ ऐसे से जानकारी भी मुझे मेरा जिसको देना काफी जरूरी था इसलिए मैंने सभी को एक साथ लिखने की कोशिश किया हूं आप इसे ध्यान से पढ़िए गा और एक बात मैं लगभग 2 सालों से Blogging करता हूं उसी के Exprience पर आप लोगों के लिए अच्छा-अच्छा Articles लिखता हूं. चलिये बताते है की आखिर क्यों मनाया जाता mahashivratri
महा शिवरात्रि 2023 में कब है?
दोस्तो महा शिवरात्रि जो हिंदू धर्म के अनुसार साल के शुक्ल पक्ष के प्रथम माह के चैत्र के पहले सप्ताह को मनाया जायेगा अपनी भाषा मे कहे तो 18 फरवरी 2023 को मनाया जायेगा
Mahashivratri 2022
2022 में महा शिवरात्रि 01 मार्च दिन मंगलवार को मनाया गया था.
महाशिवरात्रि आखिर क्यों मनाया जाता है?
महाशिवरात्रि कब से मनाया जाता है?
दोस्तो महाशिवरात्रि की शुरुआत कब से हुआ मतलब सबसे पहले कब मनाया गया तो इसका कोई सही तारीख और सही साल मुझे नहीं मिल पाया है बहुत सारे ग्रंथों में ऐसे लिखा हुआ है और हमारे सामने ऐसे ऐसे पॉइंट सामने आये हैं जिससे हमें यह जानकारी का पता लगता है कि कई 100 साल करोड़ पुराने समय से महाशिवरात्रि की दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है इसे पहले देवता लोग मनाते थे धीरे-धीरे इंसानों ने मनाना शुरू कर दिया ग्रंथों के जानकारी से
महाशिवरात्रि के दिन क्या क्या करना चाहिए? और क्या-क्या नहीं?
दोस्तों बात करें महाशिवरात्रि के दिन क्या-क्या करना चाहिए तो सबसे पहले मैं यह बता दूं कि महाशिवरात्रि से 1 दिन पहले आपको अच्छे से स्नान करना है और उस दिन आपको मीट मछली नहीं खाना है प्याज लहसन नहीं खाना है और महाशिवरात्रि के दिन आप सुबह-सुबह जब नहाने के लिए जाए तो पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिक्स कर दे और उसके बाद नहाए और नया वस्त्र पहने सुबह भगवान शिव की आराधना पूजा करने जब जाएंगे तो अच्छे से नियम को पूरा करना है और उसके बाद दिन में आपको कुछ नहीं खाना है भगवान शिव की पूजा के लिए जब आप व्रत करते हैं तो कुछ नही खाना है और अगर आप व्रत नहीं करते तो सब कुछ खा सकते हैं और व्रत करने वाले रात में आप खाना खा सकते हैं और दोस्तो आपको दिन में सोना नहीं है कोशिश करना है कि भगवान शिव की कथाएं सुने शिव की आराधना करें मंदिरों की तरफ घूमने जाएं नीचे और भी पॉइंट है उसे ध्यान से पढ़े.
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?
तो दोस्तो मै यह बता दु की शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दो भिन्न धार्मिक त्यौहार हैं। शिवरात्रि को शिव के शक्ति की स्थापना के समय के रूप में माना जाता है। यह सप्ताह में किसी एक दिन से शुरू होता है और सात दिन तक चलता है। महाशिवरात्रि को शिव के शक्ति की सम्पूर्ण स्थापना के समय के रूप में माना जाता है, यह सात दिन से शुरू होता है और सात दिन तक चलता है. महाशिवरात्रि की त्यौहार की स्थापना शिवरात्रि से अधिक प्रासंगिक होती है.
महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
बात करे की महाशिवरात्रि की तो महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व कुछ पर्यावरण स्थितिओं से संबंधित है, जैसे कि समय के साथ सेवन की स्थिति और वायु की परिस्थितियों को परिवर्तित करती है। इससे पर्यावरण से संबंधित समस्याओं को समझने और समाधान प्रदान करने में मदद मिलती है दोस्तों बात की जाए मां की तो यह भी सुनने को आया हैै कि भगवान शिव महा शिवरात्रि के दिन बहुत खुश रहतेे हैं महादेव जी पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा होती है मतलब शादी हुई थी।
महाशिवरात्रि के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
(mahashivratri) दोस्तों महाशिवरात्रि के दिन आपको सबसे पहले मैं यह बता दूं कि प्याज लहसन मीट मछलियां इन चीजों से दूर रहना है और कोशिश करना है कि आप उन लोगों के साथ भी ना खाएं जो यह सब चीज के सेवन करते हैं और आपको अगर आप व्रत में रह सकते तो जरूर व्रत करें अगर नहीं रह सकते हैं तो सुबह उठकर भगवान शिव की पूजा जरूर करें और नया वस्त्र धारण करें happy mahashivratri
महाशिवरात्रि करने से क्या फायदा होता है?
महाशिवरात्रि के समय शिव की पूजा करने से धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए फायदे होते हैं। यह समय शिव के शक्ति, समृद्धि, शांति और समय के परिवर्तन के साथ सम्बंधित होता है। धार्मिक अध्ययन करने से आपके आत्म-विश्वास को बढ़ाने के साथ आपको अपने समय के परिवर्तन को समझने में मदद मिलती है।
दो महाशिवरात्रि क्यों?
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दो महाशिवरात्रि प्रासंगिक रूप से महाशिव के दो विभिन्न रूपों की पूजा के लिए होते हैं। एक समय की पूजा माता परवती के साथ की जाती है, और दूसरी समय की पूजा शिव के सम्बन्धित होती है।
भगवान शिव का जन्म कब हुआ था?
तो दोस्तो बात करें भगवान शिव की जन्म की तो कुछ ऐसे पुराने ग्रंथों में लिखा है कि कई 100 करोड़ों साल पुराने जब भगवान पृथ्वी रचा था उस समय विष्णु जी नारायण के रूप में कई अवतार लिए उसी तरह भगवान शिव की भी जन्म हुआ था यह ग्रंथों में लिखा हुआ है.
शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
दोस्तो बात करे मंत्र के तो शिव जी के कई प्रिय मंत्र हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध और प्रचलित "ओम नमः शिवाय" है। यह मंत्र शिव के सम्बन्धित होता है और शिव को सम्मान के रूप में पूजने के लिए स्वीकार किया जाता है। mahashivratri status
भगवान शिव की 5 पुत्री का नाम क्या है?
दोस्तो भगवान शिव की पांच पुत्री के नाम सन्दर्भ के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य नाम हैं:
Ashokasundari
Vrindavani
Nitya
Bhavani
Rudrani
ये सभी शिव की पुत्रियों के रूप में पूजे जाते हैं और उनके कुछ विशेष गुणों को सम्बोधित किया जाता है।
शिव भगवान का पिता कौन है?
दोस्तो शिव भगवान का पिता कुछ संदर्भों के अनुसार, दशरथ हो सकते हैं। कुछ संदर्भों के अनुसार दशरथ को शिव के पिता कहा गया है। दशरथ हिंदू धर्म में स्थान पर स्थिति के लिए जाने जाते हैं, शिव के पिता के रूप में।
भगवान शिव के भाई कौन थे?
भगवान शिव के भाई कुछ संदर्भों के अनुसार, भगवान विष्णु को माना जाता हैं। कुछ संदर्भों के अनुसार भगवान विष्णु को शिव के भाई कहा गया है। भगवान विष्णु हिंदू धर्म में स्थान पर स्थिति के लिए जाने जाते हैं, शिव भगवान के भाई के रूप में।
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शिव जी के कितने बच्चे हैं?
भगवान शिव के बच्चे की संख्या कुछ संदर्भों के अनुसार, संभवतः दो हो सकते हैं - कार्तिक और गणेश कुछ संदर्भों के अनुसार शिव के सम्पूर्ण समुदाय में कुछ लोग अपने बच्चे को भगवान शिव के बच्चे कहते हैं।
भगवान शिव की उम्र कितनी है?
दोस्तो भगवान शिव की उम्र कुछ संदर्भों के अनुसार, असीम हो सकती है। हिंदू धर्म में भगवानों की उम्र असीम होती है जैसे कि उन्हें अधिकृति के रूप में समझा जाता है। mahashivratri
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